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अंगना पधारो महारानी लिरिक्स | Angana padharo maharani lyrics

अंगना पधारो महारानी लिरिक्स  | Angana padharo maharani lyrics अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी करदो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो... ऊँची पहाड़िया पे मंदिर बनो है मंदिर में मैया को आसान लगो है सान पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो... रोगी को काया दे निर्धन को माया बांझन पे किरपा ललन घर आया मैया बड़ी वरदानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो... मैहर में ढूंढी डोंगरगढ़ में ढूंढी कलकत्ता कटरा जालंधर में ढूंढी विजरघवगध में दिखानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो... मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को एकै दिखे मोरी मैया के मढ़ को महिमा तुम्हारी नहीं जानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो... मैया को भार सम्भाले रे पंडा हाथो में जिनके भवानी को झंडा झंडा पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो... महिमा तुम्हारी भगत जो भी गाए मोनी भी मैया में दर्शन को आए करदो मधुर मोरी वाणी हो मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो महारानी  | Angana padharo maharani गीत यहाँ सुनें ...

संवेदनशीलता

 संवेदनशीलता एक पोस्टमैन ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा,"चिट्ठी ले लीजिये।"अंदर से एक बालिका की आवाज आई,"आ रही हूँ।"लेकिन तीन-चार मिनट तक कोई न आया तो पोस्टमैन ने फिर कहा,"अरे भाई!मकान में कोई है क्या,अपनी चिट्ठी ले लो।"लड़की की फिर आवाज आई,"पोस्टमैन साहब,दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए,मैं आ रही हूँ।"पोस्टमैन ने कहा,"नहीं,मैं खड़ा हूँ,रजिस्टर्ड चिट्ठी है,पावती पर तुम्हारे साइन चाहिये।"करीबन छह-सात मिनट बाद दरवाजा खुला।पोस्टमैन इस देरी के लिए झल्लाया हुआ तो था ही और उस पर चिल्लाने वाला था ही,लेकिन दरवाजा खुलते ही वह चौंक गया,सामने एक अपाहिज कन्या जिसके पांव नहीं थे,सामने खड़ी थी।पोस्टमैन चुपचाप पत्र देकर और उसके साइन लेकर चला गया।हफ़्ते,दो हफ़्ते में जब कभी उस लड़की के लिए डाक आती,पोस्टमैन एक आवाज देता और जब तक वह कन्या न आती तब तक खड़ा रहता।एक दिन उसने पोस्टमैन को नंगे पाँव देखा।दीपावली नजदीक आ रही थी।उसने सोचा पोस्टमैन को क्या ईनाम दूँ। एक दिन जब पोस्टमैन डाक देकर चला गया,तब उस लड़की ने,जहां मिट्टी में पोस्टमैन के पाँव के नि...

Jai Shri Krishna

"चूम "लू उस" राह "को जो तेरे "दर" पे लेके जाती है...👣👣 "टेक "लू" माथा "उस हर "मोड़" पर जो तेरे "दर "का "रास्ता" बताता "है... 👣👣 "वार" दू अपनी "जिंदगी "उस धरती के "फूलों "पर जो अपनी " खुश्बू" से मेरे...👣👣 "श्...

Meethe Ras se Bharyo lyrics ( मीठे रस सों भरयो री राधा रानी लाग )

मीठे रस सों भरयो री राधा रानी लागे मीठे रस सों भरयो री राधा रानी लागे, महारानी लागे, म्हाने खारो-खारो जमुना जी रो पानी लागे, मीठे रस सों भरयो री.... जमुना मैया कारी-कारी राधा गोरी-गोरी, वृन्दावन में धूम मचावे बरसाने की छोरी, बृजधाम राधा जु की रजधानी लागे, म्हाने खारो-खारो जमुना जी रो पानी लागे, मीठे रस सों भरयो री.... न भावे म्हने माखन-मिश्री अब न कोई मिठाई, म्हारी जिह्वणिय ने भावे राधा नाम मलाई, राधा रानी तो हमारी पटरानी लागे, म्हाने खारो-खारो जमुना जी रो पानी लागे, मीठे रस सों भरयो री.... कान्हा नित मुरली में टेरे सुमिरे बारंबार, कोटिक रूप धरे मनमोहन तोऊ न पावे पार, राधा रानी तो हमारी पटरानी लागे, म्हाने खारो-खारो जमुना जी रो पानी लागे, मीठे रस सों भरयो री.... राधा राधा नाम रटत है जे नर आंठों याम, इनकी बांधा दूर करे है इक राधा को नाम, राधा नाम से सफल ज़िंदगानी लागे, म्हाने खारो-खारो जमुना जी रो पानी लागे, मीठे रस सों भरयो री.... मीठे रस सों भरयो री राधा रानी लागे, महारानी लागे, म्हाने खारो-खारो जमुना जी रो पानी लागे, मीठे रस सों भरयो री.... जय जय श्री राधे......

Krishna as a Teacher (कृष्ण शिक्षक के रुप में)

एक तरफ श्री राम ने खंडित होती परम्परओ आदर्शो मर्यादाओं को प्राणवायु दी जिससे सामाजिक व्यवस्था स्वस्थ हो | दूसरी तरफ कृष्ण ने उन सड़ी गली समस्त परम्पराओ का खंडन किया जो समाज को प्रदूषित कर रही थी | परंपराएँ अच्छी होती है लेकिन यदि उन्हे युगानुरूप सँवारा नहीं गया तो उनमे दुर्गन्ध आने लगती है | कृष्ण ने यही किया | समस्त गोकुलवासियो को एक आदर्श शिक्षक के रूप में समझाया कि विश्वास करना चाहिए लेकिन अंध -विश्वास नहीं | देव पूज्य है लेकिन अंध भक्ति नही | उस समय वर्षा के देवता इंद्र की पूजा का प्रावधान था | कृष्ण ने इसका विरोध किया और् वर्षा के वैज्ञानिक कारण को समझाया |   अत्तिवृष्टि से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया | इसका अभिप्राय यह है कि मन में आत्मविश्वास होना चाहिये इससे बडीसे बडी कठिनाइयो पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है यह एक कुशल टीचर ही कर सकता है कृष्ण ने ऐसा किया | कृष्ण का गोवर्धन उठाना एक पवित्र संकल्प था जो श्वेत -क्रांति की ओर संकेत करता है केवल वर्षा पर ही निर्भर रहना उचित नही है गौ -संवर्धन भी हो उनसे प्राप्त दूध दही मक्खन का उचित प्रयोग हो | श्रम क...

He bhaktvrindon ke praan pyaare, Namami Radhe namami Krishnam(हे भक्तवृंदो के प्राण प्यारे ,नमामि राधे नमामि कृष्णम। )

  "आद्या  शक्ति स्वरूपाय परमाह्लदकारिणी  समश्लिष्टम् उभयरूपम् राधा कृष्णम नमाम्यहम " हे भक्तवृंदो के प्राण प्यारे ,नमामि राधे नमामि कृष्णम।  हे भक्तवृंदो के प्राण प्यारे ,नमामि राधे नमामि कृष्णम।  तुम्ही हो माता पिता हमारे , तुम्ही हो माता पिता हमारे, नमी राधे नमामि कृष्णम।  हे भक्तवृंदो के प्राण प्यारे ,नमामि राधे नमामि कृष्णम।  आदिशक्ति श्री राधे रानी , जय जग जननी जय कल्याणी।  युगल मूर्ति श्री राधे कृष्णा ,  दर्शन करात मिटे नहीं तृष्णा।  दोनों हैं दोनों के नैन - तारे  दोनों हैं दोनों के नैन - तारे , नमामि राधे नमामि कृष्णम।  हे भक्तवृंदो के प्राण प्यारे ,नमामि राधे नमामि कृष्णम। सुर मुनि कितने स्वप्ना संजोते ,  योगी जप तप  कर युग खोते ।   तब जाकर इस युगल मूर्ति के, बाल रूप में दर्शन होते।  यह श्रिष्टि साड़ी यही पुकारे , यह श्रिष्टि साड़ी यही पुकारे ,  नमामि राधे नमामि कृष्णम।  हे भक्तवृंदो के प्राण प्यारे ,नमामि राधे नमामि कृष्णम। तुम्ही हो माता पिता हमारे , त...

Hare Krishna

  " जय श्री कृष्णा "

नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार lyrics

नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार ॥ साहिब तुम मत भूलियो लाख लो भूलग जाये । हम से तुमरे और हैं तुम सा हमरा नाहिं । अंतरयामी एक तुम आतम के आधार । जो तुम छोड़ो हाथ प्रभुजी कौन उतारे पार ॥ गुरु बिन कैसे लागे पार ॥ मैं अपराधी जन्म को मन में भरा विकार । तुम दाता दुख भंजन मेरी करो सम्हार । अवगुन दास कबीर के बहुत गरीब निवाज़ । जो मैं पूत कपूत हूं कहौं पिता की लाज ॥ गुरु बिन कैसे लागे पार ॥   " जय श्री कृष्णा "