अंगना पधारो महारानी लिरिक्स  | Angana padharo maharani lyrics अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी  शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी  करदो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   ऊँची पहाड़िया पे मंदिर बनो है  मंदिर में मैया को आसान लगो है  सान पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   रोगी को काया दे निर्धन को माया  बांझन पे किरपा ललन घर आया  मैया बड़ी वरदानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   मैहर में ढूंढी डोंगरगढ़ में ढूंढी  कलकत्ता कटरा जालंधर में ढूंढी  विजरघवगध में दिखानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को  एकै दिखे मोरी मैया के मढ़ को  महिमा तुम्हारी नहीं जानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   मैया को भार सम्भाले रे पंडा  हाथो में जिनके भवानी को झंडा  झंडा पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   महिमा तुम्हारी भगत जो भी गाए  मोनी भी मैया में दर्शन को आए  करदो मधुर मोरी वाणी हो मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो महारानी  | Angana padharo maharani गीत यहाँ सुनें                      ...
Hanuman ji ki aarti   आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।  जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।  अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।  दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।  लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।  लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।  लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।  पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।  बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।  सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।  कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।  जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।   लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।  आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।