अंगना पधारो महारानी लिरिक्स  | Angana padharo maharani lyrics अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी  शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी  करदो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   ऊँची पहाड़िया पे मंदिर बनो है  मंदिर में मैया को आसान लगो है  सान पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   रोगी को काया दे निर्धन को माया  बांझन पे किरपा ललन घर आया  मैया बड़ी वरदानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   मैहर में ढूंढी डोंगरगढ़ में ढूंढी  कलकत्ता कटरा जालंधर में ढूंढी  विजरघवगध में दिखानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को  एकै दिखे मोरी मैया के मढ़ को  महिमा तुम्हारी नहीं जानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   मैया को भार सम्भाले रे पंडा  हाथो में जिनके भवानी को झंडा  झंडा पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो...   महिमा तुम्हारी भगत जो भी गाए  मोनी भी मैया में दर्शन को आए  करदो मधुर मोरी वाणी हो मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी  अंगना पधारो महारानी  | Angana padharo maharani गीत यहाँ सुनें                      ...
 एक तरफ श्री राम ने खंडित होती परम्परओ आदर्शो  मर्यादाओं को प्राणवायु दी जिससे सामाजिक व्यवस्था स्वस्थ हो | दूसरी तरफ कृष्ण ने उन सड़ी गली  समस्त परम्पराओ का खंडन किया जो समाज को प्रदूषित कर रही थी | परंपराएँ अच्छी होती है लेकिन यदि  उन्हे युगानुरूप सँवारा नहीं गया तो उनमे दुर्गन्ध आने लगती है | कृष्ण ने यही  किया | समस्त गोकुलवासियो को एक आदर्श शिक्षक के रूप  में समझाया कि विश्वास करना चाहिए लेकिन अंध -विश्वास नहीं | देव पूज्य है लेकिन अंध भक्ति नही | उस समय वर्षा के देवता इंद्र की पूजा का प्रावधान था | कृष्ण ने इसका विरोध  किया और् वर्षा के वैज्ञानिक कारण को समझाया |       अत्तिवृष्टि से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया | इसका अभिप्राय यह  है कि मन में आत्मविश्वास होना चाहिये इससे बडीसे बडी कठिनाइयो पर भी विजय प्राप्त  की जा सकती है यह एक  कुशल टीचर ही कर सकता है कृष्ण ने ऐसा किया | कृष्ण का गोवर्धन उठाना एक पवित्र संकल्प था जो श्वेत -क्रांति की ओर संकेत करता है केवल वर्षा पर ही  निर्भर रहना उचित नही है गौ -संवर्धन भी हो उनसे प्राप्त दूध दही मक्खन का उचित प्रयोग हो |   श्रम क...