Patal Chatni lyrics | Dilip Shadangi Jas Lyrics
छः मासी राती के कथा सार हे देव बलौदा म
ऐ छः मासी राती, काये संगवारी
छः मासी रात, माने दिन नई
खाली राते रात
तेकरे बर तो कईथौ
छः मासी राती के कथा सार हे देव बलौदा म
निर्वस्त्र कलाकर के बनाये चमत्कार हे देव बलौदा म
बिन कलश के भोला के दरबार हे देव बलौदा म
देवी कलसा के आज भी आकार हे देव बलौदा म
काबर तैं फिरत हस ऐती ओती संगी
महामाई के अवतार हे देव बलौदा म
लेवौ, नव दिन के उपास ल टोर डारौ
बोरे बासी संग म लाने हावै, पताल चटनी
खा डारौ, अब्बड़ बेरा होगे चईत के मंझनी
रा थोकून सुसतान दे तहा खइहौ
स्थायी
हे चईत के महिना दाई आबे मंझनी
हे चईत के महिना दाई आबे मंझनी
बोरे बासी संग म खवाहूं तोला वो
पताल चटनी
हे चईत के महिना दाई आबे मंझनी
हे चईत के महिना दाई आबे मंझनी
बोरे बासी संग म खवाहूं तोला वो
पताल चटनी
अंतरा 1
कहां ले पावौ माल पूवा मैं निर्धन किसान वो
घर म आबे चीला खवाहूं चाउर के पिसान वो
तैं आबे मंझनी
तैं आबे मंझनी
बोरे बासी संग म खवाहूं तोला वो
पताल चटनी
अंतरा 2
अंगाकर हा बने मिठाही संग मिरचा के झार वो
भोग लगा ले महामायी महूं ला देना तार वो
तैं आबे मंझनी
तैं आबे मंझनी
बोरे बासी संग म खवाहूं तोला वो
पताल चटनी
अंतरा 3
देव बलौदा देव लोक म हावै तोरे वास वो
नव दिन ले बलावत हौं मैं करि के उपास वो
तैं आबे मंझनी
तैं आबे मंझनी
बोरे बासी संग म खवाहूं तोला वो
पताल चटनी
हे चईत के महिना दाई आबे मंझनी
हे चईत के महिना दाई आबे मंझनी
बोरे बासी संग म खवाहूं तोला वो
पताल चटनी
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